अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना : जनजातियों का इतिहास
जनजातीय इतिहास—लेखन
अनेक इतिहासविदों की मान्यता है कि वर्तमान भारतीय इतिहास की एक विसंगति उसका राजवंशीय आधार है। जबकि इतिहास की सर्वांगीणता में समाज के सभी वर्गों, जातियों तथा युगों का इतिहास सम्मिलित है। वास्तव में भारत का प्रामाणिक इतिहास जन एवं उसकी जातीय परम्पराओं, रीति—रिवाजों एवं जीवन— मूल्यों के इतिवृत्त के साथ ही लिखा जा सकता है। इसलिए ट्टयोजना’ ने श्रीराम साठे की स्मृति में हैदराबाद में ‘जनजातीय इतिहास केन्द्र’ स्थापित किया है। देश के अनेक भागों में जनजातीय इतिहास अनुसन्धान को प्रोत्साहित किया जा रहा है।