अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना : योजना गीत
इतिहास गा रहा है - योजना-गीत
इतिहास गा रहा है
इतिहास गा रहा है, दिन रात गुण हमारा,
दुनिया के लोग सुन लो, यह देश है हमारा।।
इस पर जनम लिया है, इसका पिया है पानी,
माता है यह हमारी, यह है पिता हमारा।।
यह देवता हिमालय, हमको पुकारता है,
गुण गा रही है निशिदिन, गंगा की शुभ्र धारा।।
पोरस की वीरता को, झेलम तू ही बता दे,
यूनान का सिकंदर, था तेरे तट पे हारा।।
उज्जैन फिर सुना दे, विक्रम की वह कहानी,
जिसमें प्रकट हुआ था, संवत् नया हमारा।।
आता है याद रह-रह, गुप्तों का वह ज़माना,
सारे जहाँ पे छाया, वह स्वर्ण युग हमारा।।
चित्तौड़, रायगढ़ और, चमकौर फिर है गरजा,
सदियों लड़ा निरन्तर, आज़ाद ख़ूँ हमारा।।
दी क्रान्तिकारियों ने, अंग्रेज़ को चुनौती,
पल-पल प्रकट हुआ था, स्वातन्त्र्य वह हमारा।।
हम इनको भूल जायें, सम्भव नहीं कभी यह,
इनके लिये जियेंगे, यह धर्म है हमारा।।
होगा भविष्य उज्ज्वल, संसार में अनोखा,
बतला रहा है हमको, यह संगठन हमारा।।
राष्ट्रीय गीत
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्॥१॥
कोटि कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले।
बहुबलधारिणीं
नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं
मातरम् ॥२॥
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वम् हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडी मन्दिरे-मन्दिरे ॥३॥
त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्
अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम्
मातरम् ॥४॥
वन्दे मातरम्
श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भूषिताम्
धरणीं भरणीं
मातरम् ॥५॥
राष्ट्रगान
- जन-गण-मन अधिनायक जय हे,
- भारत भाग्य विधाता!
- पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा,
- द्राविड़-उत्कल-बंग!
- विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा,
- उच्छल जलधि तरंग!
- तव शुभ नामे जागे,
- तव शुभाशीष मागे!
- गाहे तव जय गाथा।
- जन-गण-मंगलदायक जय हे,
- भारत भाग्य विधाता!
- जय हे! जय हे! जय हे!
- जय जय जय जय हे!