अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना : इतिहास विद्या

भारतीय इतिहासविद्या (हिस्टोरिओग्राफी)

पाश्चात्य इतिहासकारों की मान्यता है कि भारत में इतिहास—लेखन की परम्परा कभी नहीं रही, इसके विपरीत ट्टयोजना’ की मान्यता है कि भारत में इतिहास—लेखन की परम्परा और एक विशिष्ट पद्धति रही है और वह ‘हिस्ट्री’ से नितान्त भिन्न है। पश्चिम में ‘हिस्ट्री’ और ‘प्री—हिस्ट्री’ अलग क्षेत्र माने जाते हैं, जबकि भारतीय परम्परा में जो कुछ घट चुका है, वह इतिहास है। हिन्दुओं के प्राचीन ग्रन्थों में इतिहास की विपुल सामग्री प्राप्य है और उसमें इतिहासलेखन की विविध प्रवृत्तियों के दर्शन होते हैं। ट्टयोजना’ उन प्रवृत्तियों का अध्ययन कर कार्य—योजना निर्धारित कर रही है।

Baba Sahab Apte
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